केंद्र सरकार ने हाल ही में महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) में 3% की बढ़ोतरी की घोषणा की है जिससे DA अब 50% से बढ़कर 53% हो गया है। इस वृद्धि के बाद DA मर्जर की संभावनाएं बढ़ गई हैं, क्योंकि नियमों के अनुसार जब DA 50% को पार कर लेता है, तो उसे बेसिक पे में मर्ज करने पर विचार किया जा सकता है। यह मर्जर कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों की आय को स्थायी रूप से बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं DA मर्जर का क्या मतलब है और इसको लेकर नई अपडेट क्या है:
DA मर्जर का मतलब और फायदे
DA मर्जर का मतलब है कि 50% या उससे ज्यादा DA को बेसिक पे में जोड़ दिया जाए। इस प्रक्रिया से कई फायदे होते हैं जैसे:
- बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी: अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹30,000 है, तो 50% DA मर्ज होने के बाद यह ₹45,000 हो जाएगी। इससे उनकी कुल सैलरी में बड़ा बदलाव आएगा।
- भत्तों में होगा इजाफा: HRA और अन्य भत्ते बेसिक पे के अनुपात में दिए जाते हैं। जब बेसिक पे बढ़ेगा तो इन भत्तों में भी बढ़ोतरी होगी। इससे कर्मचारियों की कुल आय में परमानेंट इजाफा होगा।
- पेंशन पर असर: पेंशन की गणना भी बेसिक पे के आधार पर होती है। मर्जर से पेंशनर्स को भी फायदा मिलेगा जिससे उनकी मासिक पेंशन बढ़ जाएगी।
क्या है सरकार का रुख?
DA मर्जर पर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि यह चर्चा में है कि सरकार जल्द ही बजट 2024-25 या अगले वित्तीय वर्ष में इस पर फैसला ले सकती है। जानकारों का मानना है कि यह फैसला लेना आसान नहीं है क्योंकि इससे सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा।
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इससे पहले भी 6th Pay Commission के दौरान DA मर्ज करने का फैसला काफी समय बाद लिया गया था।
DA मर्जर का ये होगा असर
DA मर्जर का फैसला केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए लाभकारी साबित होगा, लेकिन यह सरकार के लिए एक बड़ा वित्तीय फैसला होगा। अगर सरकार अगले कुछ महीनों में इस पर निर्णय लेती है तो इसका असर लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की आय पर पड़ेगा। अभी सभी की नजर सरकार की अगली घोषणा पर है जिससे यह स्पष्ट होगा कि क्या 53% DA के बाद इसे मर्ज किया जाएगा।
- वेतन में बड़ा इजाफा: मर्जर के बाद कर्मचारियों की कुल सैलरी में 10-15% का इजाफा हो सकता है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
- पेंशनर्स को राहत: पेंशनर्स की मासिक पेंशन में भी इजाफा होगा, जिससे उनकी जीवनयापन की गुणवत्ता बेहतर होगी।
- सरकारी खर्च में बढ़ोतरी: DA मर्जर से सरकार के खर्च में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों की आय बढ़ेगी। यह फैसला लेने से पहले सरकार को अपने वित्तीय लक्ष्यों का भी ध्यान रखना होगा।