Durga Puja 2024: दुर्गा पूजा भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जिसे यहाँ बड़ी संख्या में मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल, और ओडिशा जैसे राज्यों में यह पूजा बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। भारत के अलावा, यह त्योहार बांग्लादेश, पाकिस्तान और कई अन्य हिंदू आबादी वाले देशों में भी मनाया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दुर्गा पूजा को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि इस दिन माँ दुर्गा ने भगवान ब्रह्मा के वरदान से देवताओं को परेशान करने वाले महिषासुर नामक राक्षस का नाश किया था। दुर्गा पूजा विशेष रूप से शक्ति की पूजा के लिए मनाई जाती है। इस साल दुर्गा पूजा 9 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक मनाई जाएगी, इस दौरान कुछ ऐसे फल हैं जिन्हें वर्जित माना जाता है, जिनके बारे में आपको नीचे बताया गया है।
Durga Puja 2024 में क्या नहीं करना चाहिए
- बाल और नाखून काटना: दुर्गा पूजा के दौरान कलश स्थापना के बाद बच्चों को बाल और नाखून काटने से मना किया जाता है। ऐसा करना धार्मिक माहौल का उल्लंघन माना जाता है।
- लड़ाई-झगड़ा: लड़ाई-झगड़े पूजा स्थल की शांति को भंग करते हैं क्योंकि दुर्गा पूजा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सिर्फ पूजा करना ही नहीं है बल्कि इस दिन भाईचारा बनाए रखना भी एक परंपरा है।
- मांस खाना और शराब पीना: इस दिन भूलकर भी मांस और शराब न पिएं क्योंकि हिंदू धर्म के अनुसार मांस और शराब वर्जित माने गए हैं और यह धार्मिक भावनाओं और व्यक्तिगत स्वास्थ्य को खराब कर सकते हैं।
- पूजा विधि का पालन न करना: सही पूजा विधि का पालन करके भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है, इसीलिए इस दिन पूजा की सही विधि का पालन करना भी एक परंपरा है। क्योंकि सही विधि के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
- सफाई न करना: पूजा के दौरान पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें क्योंकि साफ-सफाई से धार्मिक भावनाओं को बढ़ावा मिलता है। इसीलिए सभी को बेहतर अनुभव देने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- भेद-भाव: पूजा के दिन भाईचारा बनाए रखना एक परंपरा मानी जाती है, इसलिए भीड़-भाड़ वाली जगह पर किसी भी तरह का भेदभाव न करें।
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Durga Puja 2024 के दौरान क्या करें
- पूजा में भाग लेना: पूजा में भक्ति भाव से भाग लें और पूजा में सक्रिय रहें। जिससे आपके मन में भक्ति जागृत होगी और आध्यात्मिक भावनाओं का संचार होगा।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: पूजा में नृत्य, गीत और कीर्तन जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम करके पूजा के माहौल को और अधिक भक्ति से भर दें, इससे भाईचारा भी मजबूत होता है।
- दान और सेवा कार्य: पूजा के दौरान आप वृद्धाश्रम जैसी जगहों पर सेवा कर सकते हैं, इससे न केवल आपकी दयालुता बल्कि आपका दान और मानवीय कार्य भी प्रदर्शित होता है।
- सात्विक भोजन: पूजा के अवसर पर सात्विक भोजन ही करें क्योंकि इससे आपके मन में ईश्वर की भावना जागृत होती है। और आप इस दिन व्रत भी रख सकते हैं।
- परिवार के साथ पूजा करना: परिवार के साथ इस पूजा को करने से परिवार के सभी दुख-दर्द नष्ट हो जाते हैं, इससे परिवार के बीच रिश्ते मजबूत होते हैं।
- दोस्तों से मिलना: पूजा के अवसर पर आप अपने करीबी दोस्तों से मिल सकते हैं, इससे दोस्ती और भी मजबूत होती है क्योंकि इस त्योहार को भाईचारे का त्योहार माना जाता है।