Karwa Chauth kab hai 2024: हमारे देश में हर त्यौहार का अपना एक अलग महत्व होता है। करवा चौथ भारतीय स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यह अपने पति के प्रति प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। इस बार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को है। करवा चौथ व्रत की शुरुआत सूर्योदय से होती है और इसका समापन चंद्रोदय के समय पति के हाथों से पानी पीकर किया जाता है। लेकिन किस तरह से पूजा की जाये और उसमे क्या सामग्री चाहिए जैसी बातों को लेकर स्त्रियों में बहुत confusion रहता है। अगर आप भी सही विधि, सामग्री और सोलह श्रृंगार की लिस्ट के बारे में जानना चाहती हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
करवा चौथ व्रत की पूजा विधि
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ एक पवित्र त्योंहार है। इस दिन महिलाएं और लड़कियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। साथ ही वे हाथों में मेहंदी रचाकर, चूड़ी पहनकर और पूरे सोलह सिंगार करके पूजा करती हैं। इस पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है जैसे:
- मिट्टी या तांबे का करवा, पान
- कलश, अक्षत, चंदन, फल, फूल
- हल्दी, देसी घी, दही, कच्चा दूध
- मौली, मिठाई, सिंदूर आदि
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Karwa Chauth kab hai | इस करवा चौथ पर ऐसे करे श्रृगार: सोलह श्रृंगार लिस्ट
श्रृगार करना तो यूँ भी महिलाओं को बहुत पसंद होता है लेकिन करवा चौथ के दिन इसका विशेष महत्व होता है। इस दिन माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की थाली भेंट की जाती है । ऐसा माना जाता है कि सुहागिनों के लिए सोलह श्रृंगार की थाली भेंट करना शुभ होता है। इसलिए सोलह श्रृंगार की थाली में निम्नलिखित सामग्रियां शामिल करनी चाहिए।
- सिंदूर, बिंदी, कमरबंद, काजल, मेहंदी
- मांगटीका, गजरा
- नथ, कान के झुमके
- बाजूबंद,चूड़ियां, अंगूठी, बिछिया
इस प्रकार करें करवा चौथ पर संध्या पूजा
करवा चौथ के दिन शाम के समय सुहागिन महिलाओं के द्वारा मिलकर पूजा की जाती है।
- यह पूजा करने के लिए आप ब्रह्म मुहूर्त के समय उठकर स्नान कर लीजिए और सरगी खाकर निर्जला व्रत शुरू कर दीजिए ।
- संध्या के समय आपको मिट्टी लेकर शिव परिवार की स्थापना करनी होती है जिनमे शिव भगवान, माता पार्वती, गणेश जी कार्तिकेय आदि की मूर्तियां बनानी होती है।
- फिर आपको थाली लेकर उसमें घी का दीपक जला लेना है और उसमें धूप, सिंदूर ,अगरबत्ती रख देनी है।
- चांद निकलने से पहले ही आपको करवा चौथ की कथा का पाठ शुरू कर देना है।
- पाठ पूरा होने के बाद चांद निकलते ही आपको छलनी से चांद को देखना है और अरग देना है ।
- इसके बाद आप अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोल सकती हैं।
करवा चौथ मंत्र
ऊँ चतुर्थी देव्यै नम:,
ऊँ गौर्ये नम:,
ऊँ शिवायै नम: ।।
ऊँ नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्।
प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।।