New NPS Update: सरकार ने 7th Pay Commission के तहत NPS (National Pension System) और पेंशन से जुड़े नए नियम जारी किए हैं जो हर सरकारी कर्मचारी के लिए जानना बेहद जरूरी है। ये बदलाव पेंशन की पारदर्शिता बढ़ाने और कर्मचारियों के रिटायरमेंट प्लान को बेहतर बनाने के लिए किए गए हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि इन नए नियमों का क्या असर होगा और आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या हैं NPS में योगदान के नए नियम?
NPS की लेटेस्ट न्यूज़ के अनुसार अब कर्मचारियों को अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (DA) का 10% NPS में अनिवार्य रूप से योगदान करना होगा, जबकि सरकार की तरफ से 14% का योगदान किया जाएगा। यह सिस्टम शेयर प्रणाली पर आधारित होता है जिसका सीधा असर पेंशन फंड पर पड़ता है।
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नई स्कीम में अगर कोई कर्मचारी अवैतनिक अवकाश (Leave Without Pay) पर जाता है, तो उस अवधि में NPS में योगदान नहीं देना होगा। लेकिन जैसे ही वह वापस जॉइन करता है उसकी सैलरी के साथ NPS में योगदान भी फिर से शुरू हो जाएगा।
प्रोबेशन और ट्रांसफर में क्या बदलाव आए?
अब नए नियमों के अनुसार, प्रोबेशन पर नियुक्त कर्मचारी भी NPS में अपना योगदान जारी रखेंगे। साथ ही, अगर किसी कर्मचारी का ट्रांसफर किसी दूसरे विभाग या राज्य में होता है, तो उसकी पेंशन कॉन्ट्रिब्यूशन और NPS खाता बिना किसी रुकावट के जारी रहेगा।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में क्या होगा?
सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने का फैसला लिया है। इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन का फायदा मिलेगा। UPS के तहत, सरकार 18.5% योगदान करेगी और कर्मचारी 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद ₹10,000 न्यूनतम पेंशन पाने के हकदार होंगे। इस स्कीम में ग्रेच्युटी और रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि का भी प्रावधान है, जिससे यह कर्मचारियों के लिए NPS से ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है। UPS में पेंशन की गारंटी होगी, जबकि NPS में पेंशन बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है।
NPS और UPS में क्या फर्क है?
- NPS: इस योजना में पेंशन फंड पूरी तरह शेयर बाजार पर आधारित होता है, इसलिए पेंशन की गारंटी नहीं मिलती।
- UPS: इसमें गारंटीड पेंशन का प्रावधान है, जिससे कर्मचारी बिना किसी जोखिम के रिटायरमेंट के बाद निश्चित आय का आनंद ले सकते हैं।
कर्मचारियों के लिए नया अवसर
ये नए नियम खासतौर पर कर्मचारियों की पेंशन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। NPS में पारदर्शिता बढ़ाने और UPS के जरिए गारंटीड पेंशन का विकल्प देने से कर्मचारियों को अब बेहतर प्लानिंग करने का मौका मिलेगा। सरकार के इन नए नियमों से कर्मचारियों को अपने रिटायरमेंट फंड को सही तरीके से मैनेज करने में मदद मिलेगी।